बाबा बालकनाथ मंदिर में हुई गड़बड़ की जांच पूरी, राशन घोटाले में दो कर्मचारी दोषी
कनिष्ठ सहायक, कैंटीन हेल्पर पर कार्रवाई, दो साल की वेतन वृद्धि रोकी
उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर में हुए राशन घोटाले की जांच पूरी हो गई है। लगातार चली जांच के बाद व तमाम तथ्यों को जांचने के उपरांत दो कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। इन दोनों कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोक दी गई है तथा उनके द्वारा किए गए इस कृत्य को कर्मचारी सेवा पुस्तिका में भी दर्ज किया जाएगा। बता दें कि दियोटसिद्ध अप्पर बाजार में दुकान करने वाले दुकानदार बलवंत सिंह ने शिकायत की थी कि कनिष्ठ सहायक अजय कुमार द्वारा स्थानीय दुकानदार संजीव कुमार को 50 किलो चीनी तथा 50 किलो गेहूं का आटा बिना रसीद के दिया गया है। मामले की शिकायत व राशन की बरामदगी के बाद मंदिर अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया तथा उन्होंने पहली जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद तहसीलदार बड़सर धर्मपाल नेगी को जांच अधिकारी बनाया गया तथा उन्होंने 12 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट पेश की।
जांच रिपोर्ट में साफ तौर पर कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। सबूतों की जांच करने के बाद इस सारे मामले में अजय कुमार कनिष्ठ सहायक तथा कैंटीन हेल्पर पवन कुमार दोषी पाए गए हैं। अजय कुमार की संलिप्तता तथा पवन कुमार की मदद से उक्त सारे घोटाले को अंजाम दिया गया। हालांकि इसके बाद आरोपियों को अपना पक्ष रखने क का मौका दिया गया, लेकिन वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। बाबा बालकनाथ मंदिर कर्मचारी सेवा नियम 2001 के नियम 29 के अंतर्गत आरोपियों के खिलाफ अब अनुसनात्मक कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के तौर पर इनकी दो वर्ष की वेतन वृद्धि रोक दी गई है तथा इन पर लगाए गए दंड को कर्मचारी सेवा पुस्तिका में भी दर्ज किया गया