बैंक वित्तीय जागरूकता पर करें फोकस- अपूर्व देवगन
उपायुक्त ने की सरकार प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा
डॉ वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता लाने के दिए निर्देश
मंडी, 26 सितम्बर। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने सरकार प्रायोजित योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को बैंकर्स के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं ताकि योजनाओं का पात्र लोगों को समयबद्ध लाभ मिल सके। उपायुक्त वीरवार को डीआरडीए सभागार में जिला स्तरीय सलाहकार एवं समीक्षा समिति की बैठक में बैंकों द्वारा केंद्र व प्रदेश सरकार प्रायोजित योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे।
उपायुक्त ने बताया कि लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए बैंकों द्वारा इस वर्ष 23 वित्तीय जागरूकता शिविर लगाए गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय वित्तीय साक्षरता प्रोजेक्ट के तहत भी आरबीआई द्वारा 236 शिविर आयोजित किए गए हैं। उन्होंने बैंकों को वित्तीय जागरूकता पर विशेष फोकस करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी बैंकों को दिसम्बर माह तक लक्ष्यों के आधार पर जागरूकता शिविरों का आयोजन करेंगे।
उपायुक्त ने कहा कि बैंकों के जिला समन्वयक प्रदेश सरकार की डॉ वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं। योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज की दर पर 20 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है। इसके लिए परिवार की सालाना आय 4 लाख रुपये तथा विद्यार्थी का 60 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
उन्होंने जिला में विकास को गति प्रदान करने के लिए सभी बैंकों को ऋण जमा अनुपात में उत्तरोत्तर वृद्धि करने का निर्देश दिया। जिला में ऋण जमा अनुपात पिछले वर्ष के 27.20 प्रतिशत के मुकाबले इस वर्ष 28.78 प्रतिशत हो गया है। फिर भी यह राष्ट्र स्तर के 60 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है। उन्होंने सीडी रेशो में सुधार के लिए सभी बैंकों को हाउस लोन के अधिक से अधिक मामले स्वीकृत करने के भी निर्देश दिए।
उपायुक्त ने बताया कि वार्षिक ऋण योजना का 4850 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले में प्रथम तिमाही में 1336.77 करोड़ का ऋण जारी करके 27.66 प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर ली है। इसके लिए सभी बैंक बधाई के पात्र हैं। बैठक में उन्होंने ऋण योजनाओं से जुडे़ विभागों और बैंक अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ आने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधूरी तैयारी से योजनाओं की सही समीक्षा नहीं हो पाती है।
उपायुक्त ने बैठक में प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), स्टैंड अप इंडिया योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, एससी/एससी विकास निगम की प्रोग्रेस, आरसेटी, स्वयं सहायता समूहों को ऋण, बैंक एनपीए, वित्तीय जागरूकता शिविर, प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति योजना, अटल पैंशन योजना, शिक्षा ऋण, स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, मुदरा योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और एनपीएस वात्स्लय योजना में प्रथम तिमाही में हुए कार्यों और उपलब्धियों की समीक्षा की ।
बैठक में एडीसी रोहित राठौर, में पंजाब नेशनल बैंक मंडी के सर्कल हेड अजित कुमार पटनायक, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक राकेश वर्मा, आरबीआई शिमला के लीड जिला अधिकारी राहुल जोशी, आरसेटी निदेशक देवेंद्र कुमार, वित्तीय साक्षरता परामर्शदाता हरि सिंह कौंडल, मंडी जिले के जिला समन्वयक , सहायक निदेशक मत्स्य नीतू सिंह, जिला प्रबंधक एससी/एसटी विकास निगम नीलम, विभिन्न विभागों के अधिकारी और बैकों के डीसीओ उपस्थित रहे।