लैब में फेल सैंपल की रिपोर्ट में खेला
फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट में अंदरखाते जारी है मैच फिक्सिंग, पार्टी से सेटिंग के बाद ओके कर दी जाती सैंपल की फेल रिपोर्ट
अंग्रेजी भाषा में कहावत है कि प्रिवेंशन इज वेटर देन क्योर्य। आम आदमी हो या खास सबकी जिंदगी में खाद्य सुरक्षा का विशेष महत्त्व रहता है। शायद यही वजह है कि प्रिवेंटिव हैल्थ के महता को समझते हुए फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट फ्रेम किया गया है। विभाग की प्राइमरी ड्यूटी है कि उस हर खाद्य वस्तु पर चैक रखे जो कि इनसान के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालती हो, लेकिन पिछले दिनों विभाग की एक अधिकारी जिस मामले में रिश्वत लेते हुए विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो द्वारा रंगे हाथों पकड़ी गई उसने कई सवाल खड़े किए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह कि जब किसी तेल के सैंपल टैस्टिंग में फेल हो गए और बकायदा नोटिस जारी भी कर दिया गया तो किस कैपेसिटी से दो लाख की रिश्वत लेकर उसे फिर से ओके्य करने के लिए मैच फिक्सिंग की कोशिश की जा रही थी। क्या ऐसा पहली बार हुआ होगा शायद नहीं।
‘दिव्य हिमाचल’ ने इसकी पड़ताल की और मामले से संबंधित साक्ष्य हाथ लेगे तो पाया कि विभाग में ऐसा लंबे समय से होता आ रहा है कि किसी भी दुकान, होटल या रेस्टोरेंट के पहले सैंपल भरे जाते हैं फिर उन्हें टेस्टिंग के लिए लैब में भेजा जाता है। जब सैंपल टेस्टिंग में फेल हो जाते हैं, तो संबंधित दुकानदार या मालिक को नोटिस भेज दिया जाता है। नोटिस देखकर कोई भी डरे बिना नहीं रह सकता। ऐसे में स्वभाविक है कि वो कोई ऐसा मार्ग तलाशेगा जिसमें वो सुरक्षित बच जाए। सूत्रों की मानें तो यह खेल केवल कुल्लू जिला में ही नहीं चला हुआ था बल्कि पूरे प्रदेश के कुछ अन्य जिलों में भी ऐसा खेला होने का अंदेशा है।