विपक्ष के आगे झुकी केंद्र सरकार, वक्फ बिल पर बढ़ा जेपीसी का कार्यकाल
वक्फ बिल पर बढ़ा जेपीसी का कार्यकाल, अब रिपोर्ट पेश करने के लिए बजट सत्र तक का मिला समय
संसद के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी विपक्ष की ओर से हंगामे की भेंट चढ़ गया, लेकिन गुरुवार को सदन स्थगित होने से पहले एक बड़ी घटना हुई। इसके तहत लोकसभा ने विपक्ष के दबाव के आगे झुकते हुए वक्फ संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के विस्तार का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। सत्र के पहले हफ्ते के अंतिम दिन यानी शुक्रवार को जेपीसी को वक्फ बिल पर अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करनी थी। यह इस सत्र के एजेंडे में भी शामिल था, लेकिन जेपीसी में शामिल विपक्षी दलों के सांसद कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे थे। हालांकि, समिति की अगवाई कर रहे भाजपा के सांसद जगदंबिका पाल का दावा था कि हमारी रिपोर्ट तैयार है और हम इसे तय समय के अनुसार शुक्रवार को ही पेश करेंगे।
इसी मसले को लेकर जेपीसी में शामिल विपक्ष के सांसदों ने बैठक का बहिष्कार भी किया था। इस सबके बीच गुरुवार को जेपीसी के प्रमुख जगदंबिका पाल ने अचानक रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय की मांग करते हुए कार्यकाल बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया, जिसे पारित कर दिया गया। जेपीसी अब चालू शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते के अंतिम दिन यानी 29 नवंबर की जगह बजट सत्र 2025 के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करेगी।
अडानी-संभल मुद्दे पर गतिरोध बरकरार
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संसद का शीतकालीन सत्र चौथे दिन में प्रवेश कर गया और गुरुवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में स्थितियां पहले की ही तरह रहीं। अडानी और संभल हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा जारी रहा।