सहानुभूति को झूठे फंसाए पुलिस अधिकारी, निशांत प्रकरण में एसआईटी ने कोर्ट में दाखिल की कलोजर रिपोर्ट
पालमपुर के हाई प्रोफाइल धोखाधड़ी मामले में एसआईटी ने अपनी कलोजर रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश कर दी है। एसआईटी द्वारा दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि पालमपुर के कारोबारी ने इस मामले को हाई प्रोफाइल बनाने के लिए बड़े अधिकारियों का नाम जानबूझ कर शामिल किया था, जिससे उसे सुरक्षा और लोगों की सहानुभूति मिल सके। एसआईटी की रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इस केस की जांच को भटकाने के लिए निशांत ने एसपी कांगड़ा शालिनी अग्रिहोत्री व पूर्व डीजीपी संजय कुंडू का नाम भी अपना निजी हित साधने के लिए जोड़ दिया था। इस हाई प्रोफाइल मामले के सामने आने के बाद हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को एसआईटी गठित कर जांच करवाने के निर्देश दिए थे।
सरकार ने हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए डीआईजी नार्थ की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। गौरतलब है कि पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा ने एक एफआईआर दर्ज कर उन्हें धमकी देने सहित उन्हें रोक कर मारने की कोशिश करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें गुरुग्राम व मकलोडगंज में जान से मारने की कोशिश की गई थी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निशांत शर्मा और केसव श्रीधर के बीच 2012 से लेकर प्रोपर्टी विवाद चल रहा था, जो कि 2022 में बड़े विवाद के रूप में सामने आ गया। निशांत शर्मा द्वारा लगाए आरोपों की गहनता से जांच की गई, जिसमें सीसीटीवी फुटेज को ख्ंागाला गया। पूर्व डीजीपी और एसपी कांगड़ा पर लगाए आरोप सही नहीं पाए गए। एसआईटी टीम ने 30 पेज की कलोजर रिपोर्ट तैयार कर हाई कोर्ट में पेश कर दी है। अब मामले पर कार्यवाही उच्च न्यायलय द्वारा की जाएगी।