हिमाचल प्रदेश को विश्व बैंक से शाबाशी
1045 करोड़ की परियोजना पूरी करने पर बढ़ाया हौसला, दूसरे चरण का प्रोजेक्ट देनी की तैयारी
हिमाचल प्रदेश में पूरी की गई बागबानी विकास परियोजना के मॉडल को विश्व बैंक मॉडल के रूप में प्रचारित करेगा। दूसरे राज्यों व दूसरे देशों में बताया जाएगा कि इस परियोजना के माध्यम से बागबानों को किस तरह से लाभ पहुंचाया जा रहा है। विश्व बैंक ने हिमाचल प्रदेश को 1045 करोड़ रुपए की यह परियोजना वर्ष 2016 में सौंपी थी जिसका समय सात साल का था। मगर बीच में कोविड की वजह से इसमें देरी हुई जिस पर वल्र्ड बैंक ने इसमें एक्सटेंशन दी। अब यह परियोजना पूरी हो चुकी है, जिस पर विश्व बैंक ने हिमाचल को शाबाशी दी है। शुक्रवार को विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर बेकजोड़ शामशिव ने अधिकारियों के साथ इसका रिव्यू करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की। इस मौके पर बागबानी विभाग के सचिव सी पालराूस, परियोजना निदेशक सुदेश कुमार मोखटा व एचपीएमसी के जीएम सन्नी शर्मा भी मौजूद थे।
बेकजोड़ ने कहा कि विश्व बैंक एक और परियोजना हिमाचल को देना चाहता है, जो कि कृषि, बागबानी व पशुपालन तीनों सेक्टर को मिलाकर होगा। तीन सेक्टर पर फोकस किया जाएगा। मगर अभी राज्य सरकार की ओर से इस पर हामी नहीं भरी गई है क्योंकि सरकार भी इस पर चर्चा कर रही है। बागबानी विभाग के सचिव सी.पालरासू ने बताया कि परियोजना के तहत क्या-क्या काम किए गए हैं। 30 लाख प्लाङ्क्षटंग मेटिरियल बागबानों को उपलब्ध करवाया है, जिसमें सेब के अलावा प्लम, चेरी, अखरोट, बादाम के पौधे भी शामिल हैं। बागबानी के लिए जमीन तैयार करने में मदद की गई वहीं आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवाया है। इसमें कार्यालय भवनों का निर्माण, सिंचाई की सुविधा, माइक्रा इरिगेशिन सुविधा व फेंसिंग आदि की व्यवस्था की गई। करीब 90 हजार किसानों व अ