हिमाचल में एजुकेशन सेक्टर के फैसलों पर मुहर, पूर्व केंद्रीय शिक्षा सचिव ने क्यों की तारीफ
शिमला में क्वालिटी एजुकेशन पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में की-नोट स्पीकर के तौर पर मौजूद भारत सरकार के पूर्व शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने भी राज्य की कोशिशें की तारीफ की है। कार्य़शाला में पूर्व केंद्रीय शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि हिमाचल कई मामलों में बेहतर कार्य कर रहा है। इस क्षेत्र में सुधार वाले कदमों की सख्त जरूरत थी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ डाइट अच्छा कार्य कर रहे हैं, इनका अनुकरण दूसरे डाइट भी कर सकते हैं। इसी तरह कई शिक्षक जो अच्छा कार्य कर रहा हो, उनके कार्यों को अन्य शिक्षकों के साथ शेयर किया जा सकता है। उन्होंने डाइटों को मजबूत करने और शिक्षकों के प्रशिक्षण को मजबूत करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल एनजीओ की भी सहायता शिक्षा में ले सकता है। देश में कई एनजीओ बेहतर कार्य कर रहे हैं जिनकी मदद ली जा सकती है। केंद्र सरकार में उप सचिव शिक्षा लिंगराज पांडा ने नई शिक्षा नीति-2020 के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। एनसीईआरटी की प्रो. डा. संध्या ने एफएलएन का शिक्षा की गुणवत्ता में महत्व और प्रो.चारू मलिक ने स्कूली शिक्षकों की मैनटोरिंग विषय पर अपने विचार रखे। समग्र शिक्षा में क्वालिटी एजुकेशन की नोडल आफिसर डा. मंजुला शर्मा ने कहा कि तीन दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में शिक्षा की गुणवत्ता पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। इस कार्य़शाला में शिक्षा उपनिदेशक, डाइट प्रिसिंपल, स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षक, स्कूलों के एमएसी समग्र शिक्षा निदेशालय में तैनात विभिन्न कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।