हिमाचली ही चला सकेंगे होम स्टे
मंत्रिमंडल ने नए नियमों को दी मंजूरी, शहरों-गांवों में बढ़ी रिन्यूवल फीस
सरकार ने एनओसी की शर्त हटाई
हिमाचल प्रदेश में सरकार ने होम स्टे पॉलिसी के तहत नए नियमों को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसमें कुछ बड़े प्रावधान किए गए हैं जिसमें होम स्टे संचालकों को राहत भी दी गई है, तो वहीं इन पर शिकंजा भी कस दिया गया है। ऐसे मामले सामने आ रहे थे कि प्रदेश में होम स्टे का कारोबार हिमाचली ही नहीं, बल्कि बाहरी राज्यों के लोग भी कर रहे थे। होम स्टे या बी एंड बी के नाम पर यहां एक बड़ा धंधा चल रहा था, लेकिन इससे सरकार को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में सरकार ने अपनी पॉलिसी के तहत नए नियमों को यहां पर लागू करने का निर्णय लिया है। गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में कैबिनेट सब-कमेटी की सिफारिशों को मानते हुए सरकार ने नई होम स्टे पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की है।
इसमें साफ कर दिया गया है कि केवल हिमाचली लोगों को ही होम स्टे चलाने की परमिशन मिलेगी। व्यक्ति बोनाफाइड हिमाचली होना चाहिए जिसके नाम पर ही पंजीकरण हो सकेगा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों को इसमें दो कैटेगिरी में बांटा गया है। इन दोनों क्षेत्रों में बिजली व पानी के बिल भी इनको अलग-अलग लगेंगे। इस नई पॉलिसी में सबसे बड़ा प्रावधान है कि होम स्टे के लिए अप्लाई करने वालों को प्रदूषण बोर्ड समेत स्थानीय निकायों या अन्य विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं होगी। इससे भी अहम है कि सरकार ने रजिस्ट्रेशन फीस को बढ़ा दिया है। जो फीस पंजीकरण के लिए रखी है, वही फीस रिन्यूवल के लिए भी होगी।
अब 100 नहीं, हजारों में फीस
यहां कमरों की संख्या में भी इजाफा किया गया है। पहले चार कमरों तक पंजीकरण होता है, जिसमें अब छूट देकर इसे छह कमरों तक कर दिया गया है।