चम्बा के चुराह क्षेत्र सनवाल मे लाल सेब के पौधों में भ्रष्टाचार की काली जड़ें
चंबा की सनवाल पंचायत में सेब पौधो की खरीद गड़बड़ी मामले में जांच करती पुलिस टीम
चंबा। लाल सेब के पौधों में भ्रष्टाचार की काली जड़ें निकल आई हैं। उपमंडल चुराह की सनवाल पंचायत में मनरेगा के तहत सेब पौधे की खरीद और रोपण कार्य में 1.20 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का राज पुलिस जल्द खेलेगी।
पंचायत प्रधान के निष्कासन और एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है। शनिवार को पुलिस थाना तीसा के एसएचओ अशोक कुमार ने शिकायतकर्ता के साथ मौके का निरीक्षण किया
इस दौरान उन्होंने उन बगीचों का निरीक्षण किया, जहां मनरेगा के तहत 1.20 रुपये की लागत से सेब के पौधे लगाने का कार्य किया गया था। पुलिस जांच के दौरान बगीचों में पौधों की रोपाई में अनियमितताएं पाई गईं। पौधों के बीच सही दूरी और गड्ढों की गहराई का पालन भी नहीं किया गया।
सेब का एक पौधा दूसरे से लगभग 12 से 15 फीट दूर होना चाहिए था। साथ ही पौधे को रोपने के लिए गड्ढे की गहराई कम से कम ढाई फीट होनी चाहिए। मगर पुलिस जांच में स्थिति इसके विपरीत मिली है।
पुलिस टीम ने पौधों की गिनती और उनकी दूरी नापने के बाद रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस मामले में पंचायत प्रधान, उपप्रधान, पूर्व वार्ड सदस्य सहित अन्य प्रतिनिधियों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। गड़बड़ी वर्ष 2022 में हुई थी, जबकि एफआईआर पिछले महीने दर्ज की गई है। तीसा थाना प्रभारी ने इस मामले से जुड़े सभी अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारियों का पूरा रिकॉर्ड मांगा है।
जांच में यह सामने आया है कि 1.20 करोड़ रुपये से मनरेगा के तहत 48,000 सेब के पौधे लगाए जाने थे। मगर जब मामले की शिकायत हुई थी तो दो साल पहले तत्कालीन एसडीएम की जांच के बाद