हिमाचल मे लंबित बिलों का भुगतान नहीं होने पर शिक्षकों ने दी परीक्षा ड्यूटी के बहिष्कार की चेतावनी
शिक्षक संघ ने दो टूक कहा है कि अगर पुरानी देनदारियां जल्द चुकाई नहीं गईं तो आने वाले दिनों में परीक्षा ड्यूटी नहीं दी जाएगी। शिक्षा खंड से बाहर अधीक्षकों की ड्यूटी लगाने पर भी संघ ने आपत्ति जताई है।
बीते वर्ष के लंबित बिलों का भुगतान नहीं होने पर शिक्षकों ने परीक्षा ड्यूटी के बहिष्कार की चेतावनी दी है। राजकीय अध्यापक संघ ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को इस बाबत पत्र भेजा है। शिक्षक संघ ने दो टूक कहा है कि अगर पुरानी देनदारियां जल्द चुकाई नहीं गईं तो आने वाले दिनों में परीक्षा ड्यूटी नहीं दी जाएगी। शिक्षा खंड से बाहर अधीक्षकों की ड्यूटी लगाने पर भी संघ ने आपत्ति जताई है*। ड्यूटी लगाने के लिए पूर्व की तरह तीन सेंटरों का विकल्प देने की मांग उठाई है।
राजकीय अध्यापक संघ के महासचिव तिलक नायक ने बताया कि स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने इस बार परीक्षा में सेंटर अधीक्षक और उप अधीक्षक की ड्यूटी लगाने को लेकर एक नया फरमान जारी किया है। इसके तहत शिक्षकों को खंड से बाहर भी लगाया जा सकता है। बोर्ड अपनी मर्जी से परीक्षा केंद्र अलॉट करेगा, इसके लिए शिक्षकाें से नहीं पूछा जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड को पहले ही तरह ड्यूटी लगाने के लिए शिक्षकों से तीन केंद्रों का विकल्प लेना चाहिए। इससे बोर्ड को वित्तीय तौर पर भी लाभ होगा। शिक्षकों को बहुत अधिक टीए और डीए नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष परीक्षा ड्यूटी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। इसको लेकर संघ में रोष है। अगर जल्द ही भुगतान नहीं किया गया तो शिक्षकों की ओर से बोर्ड के लिए ड्यूटी नहीं दी जाएगी। उधर, राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षक हर बार बोर्ड को पूरा सहयोग करते हैं, इसके बावजूद ड्यूटी को लेकर किए जाना वाला भुगतान समय से नहीं हो रहा है। संघ ने कहा है कि बोर्ड पहले हमारे शिक्षकों की पिछली देनदारियों का भुगतान करे, उसके बाद ही हर वर्ष के लिए ड्यूटी लगाई जाए।