Success Story: दिहाड़ी मजदूरी करने वाली मां-पिता को नहीं मिला काम, घर लौटने पर पता चला बिटिया बन गई है स्टेट टॉपर
रांचीः उसलाइन इंटर कॉलेज रांची की रेखा तिर्की कॉमर्स सब्जेक्ट में 468 नंबर लाकर स्टेट टॉपर बनी हैं। उन्होंने अपनी सफलता का राज रेगुलर स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई करना और सेल्फ स्टडी बताया है। रेखा घर का काम करते हुए सुबह पढ़ने बैठती थी और छोटा-छोटा ब्रेक लेकर के सुबह से शाम तक पढ़ती थी और 93.3 प्रतिशत अंक लाकर कॉमर्स में टॉप किया है।
मजदूर माता-पिता की बेटी बनीं कॉमर्स की स्टेट टॉपर
रेखा के माता पिता दिहाड़ी मजदूर है। शनिवार सुबह भी दोनों काम की तलाश में अपने किराये के मकान से घर से निकले। लेकिन कई दिनों की तरह आज भी उन्हें काम नहीं मिला। घर वापस लौटे, तो पता चला कि उनकी बिटिया झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक बोर्ड) की ओर से संचालित 12वीं कॉमर्स संकाय में स्टेट टॉपर बन गई हैं।
उनकी मां ने कहा कि उनके बेटी की सफलता उसी की मेहनत है। वो लोग बेटी को सिर्फ सपोर्ट करते हैं। बेटी अपनी मेहनत से अच्छे नंबर लाकर टॉप की है। उन्होंने बताया कि बेटी को पढ़ने देते थे। उसे काम करने नहीं देते थे। रेखा की माता पिता ने बताया कि बेटी को बड़ा ऑफिसर बनना चाहते हैं। उनका सपना है कि बेटी ऑफिसर बने। ताकि वो भी अच्छा घर बना सके और अच्छे से रहे। अभी दूसरों के लिए काम करने जाते हैं। हम भी सोचते हैं कि हमारे घर भी कोई आकार काम करें।
मां ने बताया कि शहर के स्कूल में ले जाने और लाने में दिक्कत होती थी। इसकी वजह से मजदूरी के लिए काम पर जाने में दिक्कत होती थी। इसलिए वो सभी रांची में किराये के मकान में रहते हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई बेहतर तरीके से हो सके। वहीं पड़ोस में रहने वाली एक युवती से बेटा-बेटी को पढ़ाने का आग्रह किया। शाम में वो एक घंटे तक बेटी को पढ़ाने का काम करते थे और इसके एवज में 50 रुपया ट्यूशन फीस लेती थी।
मजदूरी के पैसे से चलता है घर का खर्चा
रेखा के पिता कहते है कि मजदूरी से जो पैसा आता है। उसी में घर परिवार चलाते हैं। साथ ही पढ़ाई लिखाई का खर्चा भी मजदूरी से ही उठते हैं। वह चाहते है कि उनकी बेटी बड़ा अफसर बने। वह मानते है कि बेटा बेटी दोनों को पढ़ना जरूरी है। बेटी दूसरे घर चले जाएगी। ऐसा सोचकर नहीं पढ़ना गलत है। बेटी भी मां-बाप से मतलब रखती है।
वहीं रेखा का मनना है कि आज के समय में पढ़ाई बहुत इंपॉर्टेंट है। सभी लोग अच्छा से पढ़ाई करें, समाज और मम्मी पापा का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी से सफलता मिली है। उनके अनुसार उन्हें ट्यूशन एक्स्ट्रा बडन लगता था। रेखा ने बताया कि इस सफलता में मम्मी पापा और टीचर्स का पूरा सपोर्ट मिला है।