नौनिहालों को बेहतर शिक्षा की ओर प्रदेश सरकार
डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए लैंड ट्रांसफर में सबसे आगे रहा कांगड़ा जिला
कांगड़ा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए वर्तमान सरकार तत्परता के साथ कार्य कर रही है। सरकारी क्षेत्र में उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान तैयार करने के सीएम के विजन पर कांगड़ा जिला के लिए पहले चरण में आठ डे-बोर्डिंग स्कूल स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से छह डे-बोर्डिंग स्कूल की आधाशिला रखी जा चुकी है, जबकि दो स्कूलों में कार्य आरंभ भी हो चुका है। इसके अतिरिक्त शाहपुर के रैत तथा जसवां परागपुर में भी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलना प्रस्तावित है। शिक्षा विभाग के मुताबिक जवाली के ठंगड़, जयसिंहपुर के सोलबनेड़, पालमपुर के कमलेहड़, नगरोटा बगबां के रणहूं, फतेहपुर के मंझार, ज्वालामुखी के लाहड़ू में बोर्डिंग स्कूल की आधारशिला रखी जा चुकी है, जबकि पालमपुर तथा ज्वालामुखी में इस दिशा में कार्य भी आरंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल बनाने की घोषणा की है। इसे लेकर पहले चरण में प्रदेश में 15 विधानसभा क्षेत्रों में ये स्कूल बनाने को मंजूरी दी गई थी।
वहीं विधायक आशीष बुटेल, विधायक संजय रत्न ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताते हुए कहा कि हिमाचल का भविष्य शिक्षा से ही उज्ज्वल होगा। इसके लिए प्रदेश में खोले जा रहे राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल महत्त्वपूर्ण होंगे तथा राज्य को ज्ञान पटल पर नए आयाम के साथ स्थापित करेंगे। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा के लिए जो घोषणाएं की हैं, उन कार्यों को प्राथमिकता पर किया जा रहा है
नौनिहालों को बेहतर शिक्षा की ओर सुखू प्रदेश सरकार
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सरकार का लक्ष्य प्रदेश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराना है, जिसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं79। हाल ही में, सीएम सुक्खू ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने और शैक्षणिक सुविधाओं को मजबूत करने पर जोर दिया है6। साथ ही, अंग्रेजी शिक्षा को प्राथमिक स्तर से शुरू करने जैसे कदम उठाए गए हैं4। शिक्षा सुधार में सार्वजनिक सहयोग को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है8।
प्रमुख पहल:
शिक्षा गुणवत्ता: शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए नवीनतम तकनीक और प्रशिक्षण पर ध्यान7।
आत्मविश्वास निर्माण: स्कूली बच्चों में कौशल विकास और मानसिक मजबूती पर कार्यक्रम6।
भाषाई सुधार: कक्षा 1 से अंग्रेजी शिक्षा शुरू करने का निर्णय4।
जनभागीदारी: शिक्षा सुधार में समुदाय की भागीदारी बढ़ाने पर जोर8।
इन प्रयासों के माध्यम से सरकार का उद्देश्य प्रदेश के नौनिहालों को वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करना है9।