छुट्टियों में सर्वे के कारण ड्रापआउट बच्चों के सर्वे से शिक्षकों ने बनाई दूरी, वालंटियर संभालेंगे जिम्मा
ड्राॅप आउट सर्वे से शिक्षकों ने कन्नी काटी, अब एजुकेशन वाॅलंटियर करेंगे सर्वे
Teachers avoided drop out survey, now education volunteers will take charge
स्कूल स्तर पर अब 15 जनवरी तक चलेगा सर्वे, स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की रिपोर्ट होगी तैयार
नए साल की शुरुआत में शीतकालीन छुट्टियों पर शुरू हुए ड्राॅप आउट सर्वे से प्रदेश के शिक्षकों ने कन्नी काट ली है। आनन-फानन में अब स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को तलाशने का जिम्मा शिक्षा स्वयंसेवकों पर आ गया है। अब यह सर्वेक्षण कार्य आगामी 15 जनवरी तक जारी रहेगा। इससे पहले यह सर्वे 7 जनवरी तक चलना था। इस संबंध में हरियाणा स्कूल शिक्षा परिषद ने राज्य के सभी जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश जारी किए हैं।
निर्देशों में साफ कहा कि बीच में पढ़ाई और स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की पहचान पूरी गंभीरता के साथ की जाए। सर्वे के दौरान स्कूल स्तर पर कोई भी मोहल्ला, वार्ड, गली व घर छूटना नहीं चाहिए। सर्वे रिपोर्ट को ‘प्रावधान पोर्टल’ पर अपलोड किया जाएगा। प्रदेशभर की सर्वे रिपोर्ट पर शिक्षा विभाग आगामी एक्शन प्लान तैयार करेगा। बता दें कि शिक्षा विभाग ने राजकीय स्कूलों में ड्राॅप आउट की बढ़ती चुनौती को देखते हुए स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान करने के लिए एक से सात जनवरी तक का शेड्यूल जारी किया था, लेकिन एक्शन प्लान सिरे नहीं चढ़ पाया।
हर गली मोहल्लों में दस्तक देंगे स्वयंसेवक
ड्राॅप आउट सर्वे के दौरान एजुकेशन वालंटियर गांव में हर गली, मोहल्ला और घर-घर जाकर डाटा एकत्रित करेंगे कि कुल सदस्य कितने हैं। 6 और 7 वर्ष तक की आयु के बच्चे, 8 से 10, 11 से 14 और 15 से 19 आयु वर्ग के बच्चे, उनका आधार कार्ड नंबर, प्रवासी परिवारों के बच्चे, कितने बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं और कितने पढ़ाई को बीच में ही छोड़ चुके हैं। बच्चों को शिक्षा की राह पकड़वाने में ग्राम पंचायतों का विशेष सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही ड्राॅप आउट बच्चों के सर्वे के लिए आंगनबाड़ी वर्कर, नंबरदार व पंच सहित सामाजिक संस्थाओं के साथ सर्वे रिपोर्ट तैयार होगी।