विनाशकारी मानसून में गई 404 की जान, सैकड़ों घायल कई लापता; करीब 45 हजार करोड़ की हानि
विनाशकारी मानसून में गई 404 की जान, सैकड़ों घायल कई लापता; करीब 45 हजार करोड़ की हानि
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने रविवार को पुष्टि की कि 229 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़, डूबने और मकान ढहने जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण हुईं, जबकि 175 अन्य लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में जान गई।
हिमाचल में बरसात से गिरे पेड़, लाहाैल में बाढ़।
हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी मानसून के मौसम में 20 जून से अब तक 404 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने रविवार को पुष्टि की कि 229 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़, डूबने और मकान ढहने जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण हुईं, जबकि 175 अन्य लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में जान गई।
SDMA ने विनाश के पैमाने को ‘अभूतपूर्व’ बताया और कहा कि पहाड़ी राज्य भर में हजारों घर, खेत और सार्वजनिक संपत्तियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। अब तक कुल अनुमानित नुकसान 4,48,905.58 लाख रुपये (44,890 करोड़ रुपये से अधिक) है। रिपोर्ट से पता चलता है कि बारिश से जुड़ी आपदाओं में 229 लोगों की मौत हुई, जिनमें भूस्खलन में 48, अचानक बाढ़ में 11, बादल फटने में 17, डूबने से 38, सांप के काटने से 15, बिजली लगने से 17 और खड़ी ढलानों पर गिरने से 44 लोग शामिल हैं।
इसके अलावा, सड़क दुर्घटनाओं में 175 मौतें दर्ज की गईं, जो मानसून के दौरान हिमाचल के परिवहन नेटवर्क की कमज़ोरी को दर्शाती हैं। इन मौतों के अलावा, 462 लोग घायल हुए और 41 लापता बताए गए हैं।