दाड़लाघाट में मुख्यमंत्री के दौरे पर छात्राओं पर FIR, भड़के राजेंद्र ठाकुर, बोले – “सरकार तुरंत मामला वापस ले”
दाड़लाघाट में मुख्यमंत्री के दौरे पर छात्राओं पर FIR, भड़के राजेंद्र ठाकुर, बोले – “सरकार तुरंत मामला वापस ले”
कुनिहार से नेशन न्यूज़ के लिए हरजिन्दर ठाकुर की विशेष रिपोर्ट :
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के हालिया दाड़लाघाट दौरे के दौरान अपने हकों की आवाज उठाने वाली कॉलेज की छात्राओं के खिलाफ पुलिस द्वारा प्राथमिकी (FIR) दर्ज किए जाने पर क्षेत्र में भारी आक्रोश है। इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, प्रमुख समाज सेवी और नेता श्री राजेंद्र ठाकुर ने सरकार और स्थानीय प्रशासन की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे लोकतंत्र में आवाज को दबाने का एक शर्मनाक प्रयास बताते हुए सरकार से तुरंत इस मामले को वापस लेने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री के दाड़लाघाट आगमन पर, स्थानीय कॉलेज की कुछ छात्राएं अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही थीं। बताया जा रहा है कि छात्राएं कॉलेज में व्याप्त समस्याओं और अपनी शैक्षणिक मांगों को लेकर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करना चाहती थीं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण था, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन ने इसे मुख्यमंत्री की सुरक्षा में खलल डालने का प्रयास मानते हुए कुछ छात्राओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।
इस घटना के सामने आते ही राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। श्री राजेंद्र ठाकुर ने एक बयान जारी कर कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है कि हमारी बेटियां, जो अपने भविष्य और शिक्षा से जुड़ी जायज मांगों को लेकर प्रदेश के मुखिया के सामने अपनी बात रखना चाहती थीं, उन पर इस तरह की कानूनी कार्रवाई की गई है। क्या अब इस प्रदेश में छात्रों को अपनी समस्याओं को उठाना भी अपराध हो गया है?”
उन्होंने आगे कहा, “एक तरफ सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारे देती है, वहीं दूसरी ओर जब यही बेटियां अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाती हैं तो उनकी आवाज को दबाने के लिए उन पर FIR कर दी जाती है। यह सरकार का दोहरा चरित्र उजागर करता है।” श्री ठाकुर ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि सरकार ने तुरंत इन निर्दोष छात्राओं के खिलाफ दर्ज मामले को वापस नहीं लिया, तो एक बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन की होगी।
इस पूरे मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। अभिभावकों और स्थानीय लोगों में भी पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर गहरा रोष है। उनका कहना है कि अपनी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन करना एक लोकतांत्रिक अधिकार है और इस तरह से युवा छात्रों को डराना-धमकाना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्षेत्र की कई सामाजिक संस्थाओं ने भी छात्राओं का समर्थन करते हुए सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
अब देखना यह होगा कि बढ़ते दबाव के बीच प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन इस मामले पर क्या रुख अपनाता है। क्या निर्दोष छात्राओं पर दर्ज FIR वापस होगी, या यह मामला और अधिक तूल पकड़ेगा? नेशन न्यूज़ इस खबर पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है।
